"गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट": केजरीवाल ने चुनाव आयोग को दिया जवाब
नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को चुनाव आयोग (EC) के नोटिस का जवाब दिया, जिसमें उन्होंने हरियाणा की भाजपा सरकार पर यमुना नदी के पानी में जहर मिलाने का आरोप लगाया था।
क्या है पूरा मामला?
मंगलवार को चुनाव आयोग ने केजरीवाल को नोटिस जारी किया और उनसे उनके दावे को साबित करने के लिए कहा। आयोग ने स्पष्ट किया कि यदि वे अपने आरोपों को साबित नहीं कर पाते, तो उन पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है, जिसमें तीन साल की जेल तक की सजा हो सकती है।
केजरीवाल का पलटवार
केजरीवाल ने अपने जवाब में कहा कि यमुना का पानी पीने योग्य नहीं रह गया है और यह एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट है। उन्होंने कहा, "दिल्ली में लोग जहरीला पानी पीने को मजबूर हैं, यह एक बड़ा षड्यंत्र है।" उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि हरियाणा सरकार जानबूझकर दिल्ली की जनता को जहरीला पानी दे रही है।
EC ने क्या कहा?
EC ने कहा कि सार्वजनिक मंच पर इस तरह के गंभीर आरोप लगाने से पहले प्रमाण प्रस्तुत करने जरूरी होते हैं। आयोग ने केजरीवाल से प्रमाण या स्पष्टीकरण देने के लिए कहा है।
AAP और BJP में तकरार
AAP और BJP के बीच यह मामला अब राजनीतिक रूप ले चुका है। AAP नेताओं ने इसे "जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़" बताया है, जबकि बीजेपी नेताओं ने इसे केजरीवाल की "राजनीतिक नौटंकी" करार दिया है।
जनता पर असर
दिल्ली के नागरिक इस मामले को लेकर चिंतित हैं। यमुना नदी का जल स्तर और गुणवत्ता लगातार गिर रही है, जिससे जलजनित बीमारियों का खतरा बढ़ गया है।
आगे क्या?
अब सबकी नजर इस बात पर है कि क्या केजरीवाल अपने आरोपों के समर्थन में कोई ठोस सबूत पेश कर पाएंगे या फिर उन्हें कानूनी संकट का सामना करना पड़ेगा।
यह मामला आने वाले दिनों में और तूल पकड़ सकता है।
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