नाले में गिरकर मासूम की मौत: अधिशासी अधिकारी और चेयरमैन के खिलाफ मामला दर्ज
मऊ जिले में एक मासूम की नाले में गिरकर दर्दनाक मौत के मामले ने प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की लापरवाही को उजागर किया है। घटना घोसी लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत एक वार्ड की है, जहां स्थानीय लोगों ने कई बार नाले पर पटिया रखने की मांग की थी। बावजूद इसके, उनकी शिकायतों पर ध्यान नहीं दिया गया।
घटना का विवरण
मामला तब सामने आया जब एक मासूम बच्चा खुले नाले में गिर गया और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। इस दर्दनाक हादसे ने पूरे इलाके में शोक और आक्रोश की लहर पैदा कर दी। स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने कई बार अधिशासी अधिकारी और नगर पंचायत के चेयरमैन से नाले पर पटिया रखने की गुहार लगाई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
पुलिस में दर्ज हुआ मामला
घटना के बाद परिजनों और स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। इस दबाव के चलते पुलिस ने अधिशासी अधिकारी और चेयरमैन के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज कर लिया है। प्रशासनिक लापरवाही को लेकर जनता में रोष है और वे दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
नेताओं का बयान
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने इस घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया और कहा कि यह प्रशासन की घोर लापरवाही का परिणाम है। उन्होंने राज्य सरकार और प्रशासन को इस घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया। वहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी घटना पर संज्ञान लेते हुए प्रशासन को दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
स्थानीय जनता का आक्रोश
घटनास्थल पर जुटी भीड़ ने नगर पंचायत प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की और सवाल उठाए कि आखिर जनता की बार-बार की शिकायतों को अनदेखा क्यों किया गया। यह घटना स्थानीय प्रशासन की उदासीनता और जनता के प्रति उनकी जिम्मेदारी की कमी को उजागर करती है।
निष्कर्ष
यह घटना केवल एक मासूम की मौत तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सरकारी तंत्र और जनप्रतिनिधियों की लापरवाही की कहानी है। अब देखने वाली बात यह होगी कि प्रशासन दोषियों के खिलाफ क्या कदम उठाता है और इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए क्या व्यवस्था करता है।
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